बीजोपचार के लाभ व विधियां

बीजोपचार के लाभ व विधियां

Drx. Ravi Varma


Agrofance


कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता उत्पादकता को बनाए रखने तथा बढ़ाने में बीज का महत्वपूर्ण स्थान है उत्पादकता बढ़ाने के लिए उत्तम बीज का होना अनिवार्य है उत्तम बीजों के चुनाव के बाद उनका उचित बीज उपचार भी जरूरी है क्योंकि बहुत से लोग बीजों में फैलती है अतः रोक जनों को को कीटों असामान्य परिस्थितियों से बीज को बचाने के लिए बीज उपचार एक महत्वपूर्ण उपाय है।

बीज उपचार के लाभ:
अनुसंधान द्वारा पाया गया है कि बीज उपचार के लाभ उत्तम पौधे अच्छी गुणवत्ता अच्छी पैदावार और रोगों तथा कीट नियंत्रण में लगी पूंजी पर अच्छी आय के रूप में दिखाई देती है परंतु आज भी ऐसी किसानों की संख्या बहुत अधिक है जो अनौपचारिक भी होती हैं इसलिए उपचारित बीजों की लाखों का व्यापार प्रचार प्रसार करना बहुत आवश्यक है।


बीजोपचार की विधियां -:
नमक के घोल से उपचार -:
पानी में नमक का 2% का घोल तैयार करें इसके लिए 20 ग्राम नमक को 1 लीटर पानी में अच्छी तरह मिलाएं इनमें बुवाई के लिए काम में आने वाले बीजों को डालकर हिलाएं । हलकेऔर रोगी बीज इसमें तैरने लगेगे। इन्हें निथार कर अलग कर दे। और पेधे में बैठे बीज को साफ पानी में धो कर सुखा लें , फिर फंफुदनाशक , कीटनाशक , जीवाणु कल्चर से उपचारित करे। 

ताप का उपचार -:
कुछ रोगो के जीवाणु जो बीज के अंदर रहते है इनकी रोकथाम के लिए बीजों को मई- जून के महीने में जब दिन का तापमान 40 - 50 °C के मध्य होता है तब बीजों को 6 - 7 घंटे तक पक्के फर्श पर सुखा ले। 

फंफुदनाशक दवाओं से upchar-: 
इस विधि में रसायन के पाउडर का प्रयोग किया जाता है इनमें एग्रोसेन जी. एन, सेरेसन, रिका वैक्स बीटामैक्स कॉपर सल्फेट, एसीटोन,आदि की 2 ग्राम से 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज दसे उपचारित करते है ।















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