Drx. Ravi Varma
पोटाश उर्वरक का फसलों के उत्पादन में योगदान (महत्व)
पौधा अपना भोजन पोषक तत्व के रूप में लेता है फसल द्वारा ग्रहण किए गए पोषक तत्वों की क्षति - पूर्ति उर्वरक और खाद द्वारा ना होने पर भूमि में तत्व की विशेष कमी हो जाती है और पौधा मरने लगता है । इसलिए | फसलों को इन तत्वों को देने की आवश्यकता होती है सभी क्षेत्रों की वृद्धि के लिए कम से कम 17 तत्वों की आवश्यकता होती है । इनमें से कार्बन , हाइड्रोजन और ऑक्सीजन पानी और हवा से प्राप्त होते हैं । अन्य 14 तत्व भूमि , उर्वरक और खादों से मिलते है विभिन्न फसलें एक उचित परन्तु भिन्न - भिन्न मात्रा में पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं मिट्टी में किसी भी पोषक तत्व की कमी हो जाने से पौधों का सही विकास नहीं हो पाता । इसलिए खाद व उर्वरक का उपयोग इस प्रकार से सन्तुलित होना चाहिए ताकि फसल को पर्याप्त मात्रा में सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें । इस प्रकार का सुनियोजित उर्वरक इस्तेमाल , संतुलित उर्वरक प्रयोग कहलाता हैं
पोटाश एक आवश्यक पोषक तत्व -:
1. पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए पोटाश आवश्यक है
2. पोटाश फसलों को मौसम की प्रतिकूलता जैसे सूखा ओला पाला , बीमारी तथा कीड़े - मकौड़े से बचाने में मदद करता है ।
3. पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है पोटाश के प्रयोग से पौधों की कोशिका दीवारें मोटी होती है ओर तने को कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है , जिसके फलस्वरूप फसल गिरने में रक्षा होती है
4. जिन फसलों को पोटाशियम की पूरी मात्रा मिलती है उन्हें वांछित उपज देने के लिए अपेक्षाकृत कम पानी की
होती है
5. पोटाश फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण तत्व है ।
पौ
में पोटाशियम की कमी के लक्षण :
1. पौधों की वृद्धि एवं विकास में कमी ।
2. पत्तियों का रंग गहरा हो जाना ।
3. पुरानी पत्तियों का नोकों या किनारे से पीला पड़ना , बाद में ऊतकों का मरना और पत्तियों यदि फसल में एक बार तत्व विशेष की कमी के लक्षण दिखाई दे जाएं , तो आप समझ लीजिए कि फसल की क्षति हो चुकी है , जिसका पूरी तरह उपचार संभव नहीं है । ऐसी स्थिति में पोटाश के प्रयोग से पूरा लाभ नहीं मिलेगा । पौधों में पोटाश की छिपी हुई कमी की दशा में हम देखते हैं कि पोटाश के प्रयोग से स्वस्थ पौधे अपेक्षाकृत बहुत अधिक उपज देते हैं । इसलिए यदि फसल में पोटाश की कमी के लक्षण प्रकट होने तक इंतजार करेंगे तब तक काफी देरी हो चुकी होगी और फसल की रक्षा आप नहीं कर सकेंगे।